Modi in Austria: 41 साल बाद भारतीय पीएम का ऑस्ट्रिया दौरा कितना अहम

ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के साथ पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रिया के दौरे पर हैं। 41 साल बाद कोई भारतीय पीएम ऑस्ट्रिया के दौरे पर गए हैं। मोदी से पहले 1983 में भारतीय पीएम के तौर पर इंदिरा गांधी ने ऑस्ट्रिया का दौरा किया था। खास बात यह है कि पीएम मोदी ऐसे समय में वहां वियना हैं जब भारत और ऑस्ट्रिया अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस दौरे के बाद बुधवार को ऑस्ट्रिया की ऐतिहासिक यात्रा पर पहुंचे। कई मायनों में पीएम मोदी का यह दौरा बेहद अहम है।

पीएम मोदी की ऑस्ट्रिया यात्रा का कार्यक्रम क्या है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 से 10 जुलाई तक ऑस्ट्रिया के आधिकारिक दौरे पर हैं। पीएम मोदी की यह यात्रा उस वक्त हो रही है जब भारत और आस्ट्रिया अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। 1949 में ऑस्ट्रिया गणराज्य और भारत ने राजनयिक संबंध स्थापित किए थे।

पीएम मोदी मंगलवार को मॉस्को की दो दिवसीय यात्रा के बाद वियना पहुंचे। ऑस्ट्रियाई विदेश मंत्री अलेक्जेंडर शेलेनबर्ग ने वियना हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी और चांसलर कार्ल नेहमर के बीच अनौपचारिक रात्रिभोज हुआ, जिसमें दोनों विदेश मंत्री शेलेनबर्ग और एस. जयशंकर भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ ऑस्ट्रिया की यात्रा पर हैं, जिसमें विदेश मंत्री जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और कई व्यापारिक प्रतिनिधि शामिल हैं।

अपनी पहली ऑस्ट्रियाई यात्रा के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलन से मुलाकात की और ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के साथ वार्ता की। दूसरे दिन दोनों शासनाध्यक्षों के बीच एक कार्य बैठक हुई, जिसके बाद एक साझा प्रेस वक्तव्य जारी किया गया। संयुक्त बयान के दौरान पीएम ने कहा, ‘मैंने पहले भी कहा है, यह युद्ध का समय नहीं है, हम युद्ध के मैदान में समस्याओं का समाधान नहीं खोज पाएंगे। चाहे वह कहीं भी हो, निर्दोष लोगों की हत्या अस्वीकार्य है। भारत और ऑस्ट्रिया संवाद और कूटनीति पर जोर देते हैं, और इसके लिए हम साथ मिलकर कोई भी मदद देने के लिए तैयार हैं।’

बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर नेहमर का भारत और ऑस्ट्रिया के व्यापारिक नेताओं को संबोधन का कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री ने मॉस्को के बाद वियना में भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी बातचीत करेंगे।

पीएम बोले- यह ऐतिहासिक भी है और विशेष भी

ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत हुआ। इसके बाद पीएम मोदी ने आभार प्रकट करते हुए कहा, ”मुझे खुशी है कि मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही मुझे ऑस्ट्रिया आने का अवसर मिला। मेरा यहां आना ऐतिहासिक भी है और विशेष भी। 41 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरान किया है। इसे एक सुखद संयोग ही कहा जाएगा कि यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है, जब हमारे आपसी संबंधों के 75 साल पूरे हुए हैं।”

चर्चा के लिए कौन-कौन से मुद्दे हैं?

भारतीय प्रधानमंत्री रूसी की राजधानी में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वार्ता करके वियना आए हैं। भारत और रूस की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है। दोनों देश ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, आदि) के साथ-साथ शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अहम सदस्य हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम और रूस और चीन के बीच आर्थिक संघर्षों में, भारत आमतौर पर बराबर दूरी की स्थिति में रहता है।

दौरे से पहले ऑस्ट्रियाई मीडिया ने लिखा था कि पुतिन के साथ नरेंद्र मोदी के अच्छे संबंधों को देखते हुए चांसलर रूस-यूक्रेन युद्ध के संबंध में मंगलवार शाम को आयोजित रात्रिभोज में दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए साझा जिम्मेदारी के बारे में बात करना चाहते हैं। ऑस्ट्रियाई विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि रात्रिभोज में रूस-यूक्रेन युद्ध, हिंद-प्रशांत में घटनाक्रम, मध्य पूर्व की स्थिति और द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के विस्तार पर चर्चा होने की संभावना है।

चांसलर नेहमर का मानना है कि ब्रिक्स देशों से समान स्तर पर बात करना महत्वपूर्ण है। वे रूस-यूक्रेन युद्ध में विशेष भूमिका निभाते हैं। चांसलर ने कहा, ‘पुतिन उनकी बात सुनते हैं। अमेरिका एक सैन्य और आर्थिक महाशक्ति है और युद्ध या शांति की बात करें तो ये हमेशा एक अहम कड़ी है। लेकिन ब्रिक्स देश भी महत्वपूर्ण भागीदार हैं। और मैं भारत पर बहुत अधिक निर्भर करता हूं।’

नेहमर भारत के साथ आर्थिक संबंधों को भी मजबूत करना चाहते हैं। ऑस्ट्रियाई दृष्टिकोण से यह यात्रा का दूसरा फोकस है।

ऑस्ट्रिया जाने वाला पहला भारतीय पीएम कौन?

ऑस्ट्रिया का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री का जिक्र किया जाए तो नेहरू का नाम ही सबसे पहले आता है। दरअसल, 1949 में राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए पंडित जवाहरलाल नेहरू साल 1955 में ऑस्ट्रिया का दौरा किया था।

ऑस्ट्रिया भारत से क्या-क्या मंगाता है?

ऑस्ट्रिया भारत से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिकल उपकरण, मशीनरी, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, रेलवे, वाहन, फुटवियर और इससे जुड़े अन्य सामान, बिना सिले कपड़े, सिले हुए कपड़े, ऑर्गेनिक केमिकल, आयरन और स्टील, कांच और कांच के बने सामान, कालीन, कपास, नमक, सल्फर, मिट्टी, पत्थर, प्लास्टर, चूना, सीमेंट, तांबा, विमान, अंतरिक्ष यान, चिकित्सा उपकरण, खाने योग्य फल, मेवे, खट्टे फल के छिलके और खरबूजे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here